| 1. | 2 चतुर्थ कल्प की विशेषताएँ और भौमिकीय इतिहास
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| 2. | 4 भारत में चतुर्थ कल्प के निक्षेप
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| 3. | चतुर्थ कल्प का प्रारंभ तृतीय कल्प के प्लायोसीन (
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| 4. | इन्हीं परिवर्तनों के आधार पर डेसनोआर ने 1829 ई. में चतुर्थ कल्प (
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| 5. | चतुर्थ कल्प का प्रारंभ तृतीय कल्प के प्लायोसीन (Pliocene) युग के बाद होता है।
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| 6. | जिससे चतुर्थ कल्प के आख़िरी दिनों में हो रहे हिमनद आवरण में फर्क पड़ने लगा.
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| 7. | इन्हीं परिवर्तनों के आधार पर डेसनोआर ने 1829 ई. में चतुर्थ कल्प (Quarternary age) की कल्पना की।
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| 8. | पृथ्वी के इतिहास के चतुर्थ कल्प का प्रारंभ एक करोड़ ७ ५ लाख वर्ष पूर्व हुआ था.
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| 9. | चतुर्थ कल्प में भारत में पाए जानेवाले निक्षेपों में कश्मीर के हिमनदीय निक्षेप, जो वहाँ करेवा के नाम से विख्यात हैं, मुख्य हैं।
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| 10. | यह भ्रंश तो पृथ्वी के इतिहास के अंतिम पाठ यानी चतुर्थ कल्प (जो कि अभी भी जारी है) में भी क्रियाशील था.
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